
Jobner Me Minus Temperature Ka Raaz: जोबनेर भारतीय राज्य राजस्थान में जयपुर जिले का एक शहर और एक नगर पालिका है। यह शहर अपने कृषि महाविद्यालय (श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय) और जोबनेर पर्वत पर स्थित ज्वाला माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान (Rajasthan Weather Update) में ठंड इस बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार नजर आ रही है। इस बार सर्दी सितम पर सितम बरपा रही है। राजस्थान के तमाम हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप है। कई दिनों से तापमान माइनस में चल रहा है। कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर स्थित मौसम वेधशाला के अनुसार जयपुर के जोबनेर क्षेत्र में लगातार कई बार न्यूनतम तापमान माइनस 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इस कड़ाके की ठंड के कारण Jobner देश के पांच सबसे ठंडे शहरों में शामिल हो गया है. राजधानी के इतने करीब (राजधानी से महज 40 किमी दूर) होने के बावजूद यहां का तापमान इतना नीचे गिर जाता है, जिसकी वजह हम आपको अपने आज के ब्लॉग Jobner Me Minus Temperature Ka Raaz में बताएंगे कि जयपुर के जोबनेर में तापमान माइनस में क्यों रहता है?
जोबनेर में औसत तापमान

Minus Temperature In Jobner: गर्मी का मौसम 15 अप्रैल तक चलता है, जो 2 जुलाई से 2.6 माह तक रहता है, जिसमें औसत दैनिक उच्च तापमान 36°C॰ से ऊपर होता है। Jobner में वर्ष का सबसे गरम महीना मई होता है, जिसका औसत उच्च 40°C॰ और निम्न 27°C॰ होता है।
बढ़िया मौसम 2.3 माह तक चलता है, जो 7 दिसंबर से 16 फ़रवरी तक रहता है, जिसमें औसत दैनिक उच्च तापमान 25°C॰ से कम होता है। Jobner में वर्ष का सबसे ठंडा महीना जनवरी होता है, जिसका औसत निम्न 9°C॰ (न्यूनतम तापमान माइनस 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है) और उच्च 22°C॰ होता है।
Jobner Me Minus Temperature Ka Raaz
Jobner के लोगों से पूछा गया कि यहां इतनी ठंड क्यों पड़ती है? वहां के लोगों ने बताया कि, ‘हालांकि यहां बहुत ठंड होती है, लेकिन इस बार लगातार कई दिनों से ठण्ड हो रही है। इससे सब्जी उगाने वाले किसानों को काफी नुकसान होता है। खासकर टमाटर की फसल पाला पसार चुकी है। JOBNER की भूमि का प्रभाव इस प्रकार है: यहाँ सर्दी और गर्मी भयंकर होती है। अब बताते है कि कृषि विश्वविद्यालय पारा कहां से मापता है, वहा लकड़ी के बक्से में थर्मामीटर लगा है, जिसमें दोपहर 1 बजे पारा सामान्य 20.1 डिग्री होता है। सुबह 7 बजे यहां का तापमान -3 डिग्री रहता है। फिर 5-6 घंटे में तापमान बढ़कर 23 डिग्री हो जाता है।
हवा यहाँ आकर रुक जाती है और जयपुर की तुलना में जोबनेर के वातावरण को ठंडा बना देती है।
कृषि विवि के प्रोफेसर AK Gupta के मुताबिक इस बार जोबनेर में (2023)अत्यधिक ठंड के लिए अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां जिम्मेदार हैं। हालांकि जोबनेर में पारा माइनस में रहता है। इसके मुख्य दो कारण हैं-
पहला- जोबनेर की आकृति आधे कटे नारियल के समान है। इसे ऐसे समझें, जोबनेर के आसपास का इलाका ऊंचाई पर है, लेकिन जोबनेर कम ऊंचाई पर है। जयपुर की समुद्र तल से ऊंचाई 431 मीटर है, जबकि जाबनेर 400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। शीत ऋतु में उत्तर से आने वाली ठंडी हवा प्रदेश में ठंड को बढ़ा देती है। ठंडी हवा भारी होती है, क्योंकि जाबनेर कम ऊंचाई पर होने के कारण हवा यहाँ रुक जाती है और जयपुर की तुलना में वातावरण को ठंडा बना देती है।
दूसरा कारण यह है कि यहाँ की मिट्टी रेतीली है और जल्दी ठंडी और गर्म हो जाती है। इसमें पानी की तुलना में 85% कम ताप धारण क्षमता होती है। इसलिए नमी की कमी से Jobner में पारा माइनस में चला जाता है।
पिछले साल पारा -5 पर पहुंच गया था
इस बार Jobner में एक जनवरी से छह जनवरी तक पारा माइनस 3 डिग्री तक रहा। इसके अलावा 14 जनवरी से पारा फिर माइनस में प्रवेश कर माइनस 4.5 डिग्री तक चला गया। पिछले साल यहां पारा माइनस 5 तक चला गया था, जो यहां अब तक की ठंड का रिकॉर्ड है। जबकि गर्मियों में यहां पारा 45 डिग्री से ऊपर चला जाता है।