Calcium Ki Kami Se Kya Hota Hai: कैल्शियम शरीर के लिए बेहद जरूरी तत्व है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ दांतों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। कैल्शियम शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देता और शरीर के विकास में अहम भूमिका निभाता है। कई बार हम डाइट तो ले लेते हैं लेकिन शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिल पाता है। इससे शरीर में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। कई बार शरीर में अत्यधिक कैल्शियम की कमी के कारण शरीर ठीक से काम नहीं कर पाता है। आइए जानते हैं किन बीमारियों से शरीर में कैल्शियम की कमी का खतरा बढ़ जाता है।

इतना ही नहीं कैल्शियम शरीर के विकास और मांसपेशियों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो यह आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे में डाल सकता है। शरीर में कैल्शियम की कमी को मेडिकल भाषा में हाइपोकैल्सीमिया कहा जाता है। शरीर में कैल्शियम की कमी तब होती है जब आपके शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो शरीर में कैल्शियम की कमी होने से सेहत पर इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
- कैल्शियम क्या है? (What is calcium?)
- उम्र के हिसाब से कैल्शियम का सेवन
- Calcium Ki Kami Se Kya Hota Hai (शरीर में Calcium की कमी से होने वाली परेशानियां)
- आइए पहले जानते हैं कि कैल्शियम की कमी के कारण क्या हैं?
- कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय (कैल्शियम का मुख्य स्रोत)
- शरीर में कैल्शियम की कमी को कैसे पहचानें?
कैल्शियम क्या है? (What is calcium?)
यह एक प्रकार का Mineral है जो मुख्य रूप से हड्डियों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसके अलावा कैल्शियम की शरीर में विभिन्न भूमिकाएं होती हैं। यह हड्डियों को लाभ पहुंचाने के अलावा Muscles, Nerve Activity, Heartbeat के सामान्य कामकाज आदि में उपयोगी है। मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों के बीच बेहतर संचार बनाने में भी कैल्शियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर का 99 प्रतिशत कैल्शियम हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। इससे उन्हें कठोरता और बनावट प्राप्त होती है। शेष 1 प्रतिशत रक्त, मांसपेशियों और अन्य ऊतकों में होता है। कैल्शियम कई खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। इसके सप्लीमेंट भी बाजार में उपलब्ध हैं।
उम्र के हिसाब से कैल्शियम का सेवन
- जन्म से लेकर 6 महीने के बच्चे तक- 200 मिलीग्राम
- 7 से 12 महीने के बच्चे तक- 260 मिलीग्राम
- 1 से 3 साल के बच्चे तक- 700 मिलीग्राम
- 4 से 8 साल के बच्चे तक- 1000 मिलीग्राम
- 9 से 18 साल के बच्चे तक- 1300 मिलीग्राम
- 19 से 50 साल के लोगों तक- 1000 मिलीग्राम
- 51 से 70 साल के लोगों तक- 1000 मिलीग्राम पुरूषों के लिए और 1200 मिलीग्राम औरतों के लिए
- 71 साल और उससे ऊपर की आयु तक- 1200 मिलीग्राम
Calcium Ki Kami Se Kya Hota Hai (शरीर में Calcium की कमी से होने वाली परेशानियां)
आइये जानते हैं शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या शरीर की हड्डियों को कमजोर बना देती है। ऑस्टियोपोरोसिस होने पर हड्डियां भुरभुरी हो जाती हैं, जिससे वह कमजोर हो जाती हैं। यह समस्या होने पर हड्डियों में फ्रैक्चर, मोच और टूटने की संभावना अधिक हो जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को कमजोर बनाता है। यह समस्या महिलाओं में और कभी-कभी बच्चों में भी देखी जाती है।
मांसपेशियों में दर्द (Muscle Pain)
कई बार लंबे समय तक शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण मांसपेशियों में दर्द की समस्या होने लगती है। यह दर्द हड्डियों और जोड़ों में भी हो सकता है। कई बार मांसपेशियों में दर्द इतना बढ़ जाता है कि रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है। प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
हार्ट की बीमारी (Heart Disease)
शरीर में कैल्शियम की कमी से हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार लगातार कैल्शियम की कमी से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में दूध, पनीर और हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें।
रक्तचाप बढ़ सकता है (Blood Pressure May Increase)
कैल्शियम की कमी के कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। शरीर में कैल्शियम की लगातार कमी से दिल पर बुरा असर पड़ता है। इसके कारण आपको हाइपरटेंशन की समस्या भी हो सकती है। सही मात्रा में कैल्शियम लेने से ब्लड प्रेशर लो होता है।
अनियमित अवधि (Irregular Periods)
महिलाओं में लगातार कैल्शियम की कमी से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं। कई बार मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में 40 की उम्र के बाद महिलाओं को अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ लेने चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है
शरीर में कैल्शियम की कमी से अत्यधिक थकान हो सकती है, जिससे आप हर समय सुस्त महसूस कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इससे अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है। कैल्शियम की कमी के कारण होने वाली थकान से चक्कर आना, चक्कर आना और ब्रेन फॉग हो सकता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, भूलने की बीमारी और यहां तक कि मनोभ्रंश भी हो सकता है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी से सिर पर दबाव पड़ने से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे दौरे और सिरदर्द।
दातो दर्द हो सकता है
कैल्शियम की कमी से दांतों में दर्द की समस्या हो सकती है। क्योंकि हमारे शरीर का ज्यादा कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों में जमा होता है। जब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो यह दांतों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनमें दर्द होने लगता है।
आइए पहले जानते हैं कि कैल्शियम की कमी के कारण क्या हैं?
- हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बढ़ती उम्र कैल्शियम की कमी का एक बड़ा कारण है। बढ़ती उम्र के साथ कैल्शियम की कमी बहुत आम है।
- कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों में होता है और जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी हड्डियां पतली और कमजोर होती जाती हैं। ऐसे में शरीर को कैल्शियम की अधिक जरूरत होती है।
- इसके अलावा ज़्यादा भूखा रहना, शरीर से पर्याप्त पोषण न मिलना, हार्मोन्स में असंतुलन के साथ-साथ समय से पहले प्रसव और कुअवशोषण भी शरीर में कैल्शियम की कमी का कारण बन सकता है।
- इसके अलावा विटामिन डी की कमी भी शरीर में कैल्शियम की कमी का एक बड़ा कारण है। क्योंकि यह विटामिन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी होता है। आपको बता दें कि कैल्शियम की कमी से निम्न समस्याएं हो सकती हैं।
कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय (कैल्शियम का मुख्य स्रोत)
रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसी चीजें खाई जाती हैं, जिनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ मुख्य स्रोत के बारे में।

- दूध (Milk)- ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर को रोजाना जितनी कैल्शियम की जरूरत होती है, उसका करीब एक तिहाई हिस्सा एक गिलास दूध में मिल जाता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दूध कैल्शियम के लिहाज से हमारे लिए कितना फायदेमंद है। इसके अलावा दूध में प्रोटीन, विटामिन ए और विटामिन डी भी पाया जाता है। इसलिए लगातार दूध का सेवन करते रहें और अपने बच्चों को भी इसे पिलाने की आदत डालें।
- मछली (Fish)- मछली हमारे शरीर के लिए विभिन्न पोषक तत्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। मुख्य रूप से कैल्शियम की बात करें तो सार्डिन और डिब्बाबंद सामन मछली में इसकी प्रचुरता पाई जाती है।
- बादाम (Almond)- बादाम को कैल्शियम का बहुत ही बेहतरीन स्रोत माना जाता है। वैसे तो यह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है लेकिन अगर हम छिलके वाले मेवों की बात करें तो बादाम में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
- ओरेंज जूस (Orange Juice)- फोर्टिफाइड संतरे का रस भी कैल्शियम प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है। एक कप जूस में आपको कैल्शियम के अलावा कुछ तरह के विटामिन भी मिलेंगे।
- चीज़ (Cheese)- यह दूध से बना डेयरी उत्पाद है। और जैसा कि हमने बताया दूध भी कैल्शियम पाने का एक बेहतरीन विकल्प है। नतीजतन, पनीर के सेवन से शरीर में कैल्शियम का स्तर भी बढ़ेगा।
- योगर्ट (Yogurt)- इसे कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। सादे दही के अंदर अच्छी मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है। दूध से दही भी बनाया जाता है, जिसका रंग सफेद और स्वाद में खट्टा होता है। कुछ लोग इसे दही समझते हैं लेकिन यह दही से अलग है।
- ब्रोकली (Brocolli)- हरी पत्तेदार सब्जियों की श्रेणी में ब्रोकली को भी कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। मुख्य रूप से पालक के बारे में कहा जाता है कि इसमें कैल्शियम की मात्रा भी होती है लेकिन हमारा शरीर इसे पचा नहीं पाता है. इसके अलावा कुछ हरी सब्जियां ऐसी होती हैं जिनमें ऑक्सालेट की मात्रा पाई जाती है जो कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकती है।
- अंजीर (Fig)- सूखे मेवों की श्रेणी में अंजीर का बहुत बड़ा स्थान है। इसमें कैल्शियम के अलावा पोटैशियम और विटामिन के भी पाया जाता है जो हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है। सूखे मेवों की श्रेणी में आप कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने के लिए अंजीर को प्राथमिकता दे सकते हैं।
- वे प्रोटीन (Whey Protein)- यह दूध में पाया जाने वाला एक प्रकार का प्रोटीन है और इसके कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं। वे प्रोटीन पाउडर आमतौर पर फिटनेस के प्रति उत्साही या जिम जाने वालों द्वारा देखे जाते हैं। और यह वाकई फायदेमंद होता है। खासतौर पर कैल्शियम की बात करें तो एक स्कूप पाउडर जो करीब 30 ग्राम होता है उसमें करीब 155 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
- अन्य (Others)- बताए गए विकल्पों के अलावा चीया सीड्स, सोयबीन्स, सरसों के बीज, कुछ दालें, फोर्टिफाइड फूड्स, सोय मिल्क आदि भी कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
शरीर में कैल्शियम की कमी को कैसे पहचानें?
अगर शरीर में कैल्शियम की कमी है तो व्यक्ति को कुछ संकेत मिल सकते हैं। इनमें मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द, दिल की धड़कन का अनियमित होना, फ्रैक्चर आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ मौके ऐसे भी आते हैं, जहां कैल्शियम की कमी सामने आ सकती है। जैसे महिलाओं में होने वाली एक स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं। यह वह समय होता है जब मासिक धर्म बंद हो जाता है। इस स्थिति के बाद धीरे-धीरे उनका बोन मिनरल डेंसिटी कम होने लगता है। इसलिए जरूरी है कि वे रोजाना 1200 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा को पूरा करें, नहीं तो एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
हाइपरपरथायरायडिज्म नामक एक और स्थिति है। इस स्थिति में शरीर पैराथाइरॉइड हार्मोन का प्रोडक्ट कम कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप कैल्शियम की कमी देखी जाती है। और हां, याद रखें, ज्यादा कैल्शियम न लें। नहीं तो इससे पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्या हो सकती है। सप्लीमेंट लेते समय सावधान रहें और बेहतर सलाह के लिए डॉक्टर से सलाह लें।